तो इसलिए होनी चाहिए, इंटरनेट के माध्यम से वोटिंग !

By | May 31, 2024

तो इसलिए होनी चाहिए, इंटरनेट के माध्यम से वोटिंग !

 

देश मे अब चुनाव आनलाइन वोटिंग से शुरू हो नई सरकार चुनाव आयोग को भी विचार करना चाहिए।
चुनाव भी होगा सुविधाजनक मतदान का गिरता प्रतिशत बढेगा
लोकसभा चुनाव मे लगभग 1लाख 20 करोड खर्च होने का अनुमान
कई देशो की जीडीपी से ज्यादा महंगा भारत का यह चुनाव.
मुद्दा जो खास है

 

समाचार भारती के लिए राजनीतिक विश्लेषक “राघवेंद्र सिंह राजू” की कलम से l

97 करोड मतदाताओं का चुनावी प्रकिया को सकुशल सम्पन्न कराना बडी चुनौती.
चुनावों मे बेतहाशा खर्च रोकने के लिए बना जनप्रतिनिध कानून 77(1) के तहद चुनावों का खर्च का विवरण प्रत्याशी देते है चुनाव आयोग को
खर्चीला चुनाव मे केवल एक देश अमेरिका भारत से अब्बल

लोकसभा चुनावों मे वर्ष 2019 मे लगभग 60 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान था जबकि 2014 मे 30 करोड खर्च हुए लेकिन 2014 का यह लोकसभा चुनाव दुगुने यानि 1लाख बीस करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है .1952 मे होने वाले देश के पहिले चुनाव मे प्रति मतदाता खर्च 6 पैसे था जो 2014 मे आते आते 47 रुपए पहुँच गया इस बार लगभग 52 रुपए होने का अनुमान लगाया जा रहा लोकसभा उम्मीदवार का खर्च सीमा 95 लाख रुपए निर्धारित है पर सब जानते कि यह करोडो का प्रोजेक्ट है राजनैतिक दल उम्मीदवार एक एक वोट के लिए पैसा पानी की तरह बहाते है टिकट मिले से लेकर टिकट पाने की प्रकिया तक का खर्च नही जुडता.वास्तव मे क्या उम्मीदवार सही चुनावी खर्च चुनाव आयोग को देता है चुनाव आयोग भी जानता कि चुनावों मे उम्मीदवार बहुत बडी राशि चुनाव मे खर्च करता है जिसका अधिकांशतः हिस्सा अज्ञात रहता प्रश्न यह है कि भारत जैसे महान देश मे चुनावी आयोजनो मे पैसा बहाना कहा तक उचित है .
फिलहाल चुनावों मे महंगे होते खर्च को समाज का शिक्षित वर्ग खासकर युवाओं को पहल करनी चाहिए नई सरकार को भी चुनावी पारदर्शिता लाने हेतु विभिन्न राजनैतिक दलो के साथ मिलकर सुधारात्मक उपायो पर विचार करना चाहिए 18 वी लोकसभा का खर्च चुनावो पर जो व्यय किया होगा उससे सरकार लगभग आठ महीने तक 80 करोड गरीबों को मुफ्त राशन बांट सकती थी .
वरिष्ठ पत्रकार राजनैतिक विशेषज्ञ राघवेन्द्र सिह राजू मानते है कि आज जब प्रत्येक मतदाता इंटरनेट मीडिया से जानकारियाँ रखने लगा वह किसको वोट देना तय कर लेता तो तमाम व्यर्थ का पैसो को खर्च करने का अौचित्य क्या जब भारत जैसे विकासशील देश मे घन का हस्तांतरण सुविधाजन बनाया जा सकता तो चुनाव आयोग को घर घर मतदाताओं को जागरूकता से सुरक्षित आनलाइन वोटिंग पर विचार करना चाहिए जिससे जो महीनों कई चरणो मे मतदान कराने मे संघर्ष करना पडता न सिर्फ चुनाव अविधि कम होगी मतदान का गिरता प्रतिशत भी सुधर सकता