ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोना का वायरस वुहान लैब से आया है, हमारा ये कहना बिल्कुल सही था. अब ट्रंप चाहते हैं कि दुनियाभर में हुई मौतों के लिए चीन उसका मुआवजा भरे. दरअसल अमेरिकी मीडिया के हाथ वहां के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फाउची का एक ईमेल लगा है, जिससे कई बड़े खुलासे हुए हैं. लीक हुए इस ईमेल से पता चला है कि डॉ. फाउची कोरोना के संक्रमण के शुरूआती महीनों में चीन के वैज्ञानिकों के संपर्क में थे.
इसके बाद ट्रंप ने कहा कि चीन और डॉ. फाउची के बीच जो पत्राचार हुआ, वो इतना अहम है कि उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है. ट्रंप का कहना है कि अब चीन की वजह से मौतें और क्षति हुई उसके लिए अमेरिका और दुनिया को 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान करना चाहिए. ट्रंप ने कहा, उनका कहना पूरी तरह से सही था कि वायरस चीन की वुहान लैब से आया है, अब इस बात को सभी मान रहे हैं उसमें उनके दुश्मन भी शामिल हैं.
फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन एक्ट के ज़रिये वॉशिंगटन पोस्ट, बज़फीड न्यूज़ और सीएनएन ने जनवरी से जून 2020 तक का जो 3000 पन्नों का ई मेल प्राप्त किया था. उससे ये खुलासा हुआ कि यूएस में कोरोना महामारी के फैलने के शुरुआती दिनों में ही डॉ. फाउची और उनके साथियों का मानना था कि कोरोना चीन की वुहान लैब से लीक हो सकता है. चीन की वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलोजी वुहान के उस सीफूड मार्केट के पास ही है जहां 2019 में यह वायरस सामने आया और महामारी का रूप ले लिया.
इस ईमेल में अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट को 866 पन्नों का एक लीक ईमेल मिला है. इस ईमेल को 28 मार्च 2020 को चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक जॉर्ज गाओ ने डॉ. फाउची को भेजा था. इस मेल में गाओ नेफाउची से अमेरिका में लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित नहीं करने पर की गई अपनी आलोचना के लिए माफी मांगी थी. बता दें कि गाओ ने पहले कहा था कि अमेरिका अपने लोगों को मास्क पहनने के लिए न कहकर भारी गलती कर रहा है.
