
संघे : शक्ति : कलयुगे : क्योंकि हमारे पूर्वजो के इतिहास के पन्ने उनकी वीरता व अदम्य साहस ,शौर्य से भरे पड़े है ,पर हम आज अपने आप काे इस तरह बाँट रहे है।वाराणसी से प्रकाशित इतिहास लौटा नामक पुस्तक मे भी यही उल्लेख करती है , कि 6857,जातियों और उप जातियों मे क्षत्रिय समाज को वर्ण,व्यवस्था मे बांटा छांटा गया सब चुप्प रहे > क्षत्रियों वक्त बदल गया> रक्त वही है ,, क्षत्रियों मेरा निवेदन है .एक दिन समाज के लिए दे.
व आप इस शुरू हुए नए प्रचलन ,, गोत्र को भी सिर्फ रिश्तेदारियों तक ही सिमित रखिये, सभी क्षत्रियों को एकता की सूत्र की माला में पिराेना हाेगा, अब जातियों के नाम पर ,समाज के वर्गों में विभाजित राजपूताना संगठन जो बन रहे हैं , राजनैतिक साजिशो व निजीहित मे यह बहुत चिंता और चिंतन का विषय है , संकल्प लें एक जुटता का, आपसी मनभेद भुलाकर समाज के सामाजिक आर्थिक राजनैतिक उत्थान के लिए 1897 . से संघर्षरत अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा देश ही नही अपितु विश्व का एक राजपूती मात्र संगठन के संगठन बढ़ाओं-संगठन बनाओ अभियान को कामयाब बनाएं.. जुड़े व जोड़ने मे हमारे सहभागी बने. कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बडा नही
हारा वही जो लडा नही .जय राजपूताना
राघवेन्द्र सिह राजू
वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री
9956402096
केन्द्रीय जनसम्पर्क कार्यालय .
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा
केन्द्रीय जनसम्पर्क कार्यालय .9 आस्था कुंज अशोका पहाडी
करोल बाग नई दिल्ली ????????