ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती-
उत्तर प्रदेश स्थित विश्वविख्यात धर्म नगरी अयोध्या में योगी सरकार बस अड्डे का विस्तार करेगी और इसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करेगी. बस अड्डे का विस्तार 9 एकड़ क्षेत्र में होगा. इसकी लागत करीब 400 करोड़ रुपये आएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अयोध्या के विकास से जुड़े कई निर्णय लिए गए. बैठक के बाद राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और वहां दूर-दूर से श्रद्धालु आएंगे. मंत्रिमंडल ने अयोध्या धाम में निर्माणाधीन सांस्कृतिक मंच के समीप स्थित बस स्टेशन की क्षमता विस्तार एवं निर्माण कार्य के लिए संस्कृति विभाग की भूमि परिवहन विभाग को निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान दे दी है.
अयोध्या के डीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के क्रम में जनपद के ग्राम मांझा बरहटा की कुल 3.6426 हेक्टेयर यानि 9.0011 एकड़ जमीन संस्कृति विभाग के नाम पर है. इस जमीन को अब परिवहन विभाग को निशुल्क देने का फैसला किया गया है. भूमि हस्तांतरण संबंधी आदेश संस्कृति विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे. इससे परिवहन निगम को और अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी.
अयोध्या से गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, श्रावस्ती एवं अन्य महत्वपूर्ण गंतव्यों के लिए जनता को बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में अयोध्या-सुल्तानपुर मार्ग पर चार लेन का फलाईओवर बनाने को भी मंजूरी दी गई है. डेढ़ किलोमीटर लंबे इस फलाईओवर की लागत 20 करोड़ रुपये से अधिक आएगी. प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया हैउत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बुलंदशहर के अनूपशहर में बस अड्डे के निर्माण और प्रयागराज में जीटी रोड पर 4 लेन के फलाईओवर के निर्माण को भी बैठक में मंजूरी दी गयी. सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि जनपद प्रयागराज में जीटी रोड से हवाई अड्डा मार्ग निकट सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन पर चार लेन रेल उपरिगामी सेतु एवं जीटी रोड जंक्शन पर चैफटका से कानपुर की तरफ दो लेन फ्लाईओवर सेतु के निर्माण कार्य की अनुमोदित लागत का व्यय प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया है.
बैठक में वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज एवं आगरा में पर्यटन विभाग के पर्यटन विकास कार्यों के क्रियान्वयन के लिए सम्बन्धित विकास प्राधिकरणों को कार्यदायी संस्था नामित किए जाने तथा इनके द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में ही पर्यटन विकास सम्बन्धी कार्य किए जा सकने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी. इसमें गाजीउद्दीन हैदर कैनाल, लखनऊ पर निर्माणाधीन 120 एमएलडी क्षमता के जलमल शोधन संयंत्र एवं तत्सम्बन्धी कार्य की परियोजना का वित्त पोषण अमृत योजनान्तर्गत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी.
