ब्यूरोचीफ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर
कानपुर नगर। देश में पत्रकारों के साथ अपराध और मारपीट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कहीं तो पत्रकारों के साथ मारपीट की जाती है तो कहीं मौत के घाट उतार दिया जाता है। समाज की सच्चाई सामने लाने की कीमत कभी कभी इन मीडियाकर्मियों को जान देकर भी चुकानी पड़ती है। तो कहीं प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों फर्जी तरीके से कानूनी करवाई से गुजरना भी पड़ता है। ऐसा ही मामला कानपुर देहात का सामने आया है। जिसमें यूपी दिवस पर अकबरपुर के एक स्कूल में इस कड़ाके की हाड़ कपाने वाली सर्दी में कानपुर देहात के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र, बीएसए सुनील दत्त और सीडीओ सौम्या पाण्डे एक विद्यालय में रंगारंग कार्यक्रम करा रहे थे। इन सूट बूटधारी अधिकारियों को अपने मनोरंजन के आगे कोई हाफ पैंट पहने तो कोई आधे नंगे शरीर वाले बच्चों के लिए न कड़कड़ाती सर्दी दिखी न कोरोना गाइडलाइन और न ही ये छोटे छोटे मासूम बच्चे जो कार्यक्रम का अभिनय कर रहे थे। तभी मीडिया कर्मियों ने कार्यक्रम का वीडियो बनाकर खबर प्रसारित कर दी। खबर के प्रसारण से नाराज डीएम ने बीएसए से कहकर कुछ पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। प्रशासन की निरंकुशता से नाराज होकर आज कानपुर प्रेस क्लब ने मुख्यमंत्री,राज्यपाल,कानपुर जिलाधिकारी को संबोधित कानपुर मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपा।

