
“अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा” के “वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेंद्र सिंह राजू” से, खास साक्षात्कार मुख्य संपादक मनीष गुप्ता के साथ……
स्वार्थपरक राजनीति से परे हैं,”राघवेंद्र सिंह राजू”l मिशन पर विश्वास,चाटुकारिता को करते हैं दरकिनार “व्यक्तित्व विशेष”l
“अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा” के “वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेंद्र सिंह राजू” से, खास साक्षात्कार मुख्य संपादक मनीष गुप्ता के साथ……
देश मे सर्वाधिक संघर्षरत संघर्षशील एक क्षत्रियों की आवाज बन चुका करोडो क्षत्रियों की आत्मा मे बस चुका क्षत्रिय योद्धा राघवेन्द्र सिह राजू किसी परिचय के मोहताज नही l 1982 से छात्र राजनीति से विधार्थी परिषद,जनसंघ विचार धारा से जुडकर,बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति मे कभी चरित्र नाम एक ऐसे छात्रसंघ नेता का था,कि स्व पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिह हो य स्व चन्द्रशेखर जी स्व चौधरी चरण सिह राजीव गांधी.चौधरी देवीलाल सहित स्व अटल विहारी बाजपेई राज माता सिंधिया सहित स्व वीर बहादुर सिह चौधरी अजीत सिह महामहिम पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल महामहिम रामनाथ कोविद सहित पूर्व उप राष्ट्रपति महामहिम भैरव सिह शेखावत सहित संगठन संरक्षक स्व सांसद ठाकुर अमर सिह मुख्यमंत्री मा डॉ रमन सिह सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों दिग्गज सांसदगणो विधायकगणो एवम किसान नेताओं मीडिया जगत हस्तियों से भी सम्बन्ध रखते उन सबका प्रेरणा मार्गदर्शन स्नेह पाने वाले राघवेन्द्र सिह राजू देश के सबसे प्राचीन संगठन मे पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिह के साथ संगठन मे दूसरे पायदान पर वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री है उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिह का सबसे भरोसेमंद साथी माना जाता.
गोरखपुर मे पहलीबार सदस्यता लिए
13 जनवरी 1987 मे
राजर्षि महाराज कुंवर श्रीपाल सिह सिंगरामऊ के आदेशानुसार पहली बारब
गोरखपुर कार्यक्रम मे राघवेन्द्र सिह राजू सैकड़ों युवा साथियों संग राष्ट्रीय सम्मेलन मे सहभागिता किए तब सदस्यता मात्र दो रुपये थी उन्होंने सदस्यता लेकर जनपद जालौन उरई से युवा जिला अध्यक्ष का पद ग्रहण किया था आज
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिह राजू को संगठन मे कार्य करते अब
कल 13 जनवरी 2024 को अब लम्बा 3 7 वर्ष हो गया क्षत्रिय मिशन विजय पथ पर संघर्ष को लेकर उनका कांरवा अभी जारी है .
जन्म स्थान बुंदेलखण्ड
कर्म स्थान फर्रुखाबाद
राघवेन्द्र सिह राजू के पिता स्व रामनरेश सिह राजावत एक ईमानदार प्रशासनिक कृषि अधिकारी थे माता स्व श्रीमती सुशीला सिह गृहणी थी बाबा स्व सुन्दर सिह राजावत किसान थे.ननिहाल नाना स्व घ्यान सिह जमींदार परिवार किशनी मैनपुरी उत्तर प्रदेश मे रसूखदार परिवार मे एक रहे है उनकी जमीने खिमसेपुर स्टेट फर्रुखाबाद मे भी रही .
मिशन खाडी से पहाडी तक
देश मे 1995 मे प्रताप ज्योति यात्रा
2010 मे चेतना रथ यात्रा यादगार एवम 2011 2012 मे जन चेतना यात्रा बिछडे पिछडो को साथ लेकर क्षात्र धर्म का सबको एहसास व पालन कराया.
निष्ठा वालो की प्रतिष्ठा
राघवेन्द्र सिह राजू देश मे कई अन्य संगठनो से जुडे है भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय प्रवक्ता,राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आल इंडिया समाचारपत्र विक्रेता के राष्ट्रीय संरक्षक,श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के सदस्य,हिन्दू रक्षा सेना के राष्ट्रीय संयोजक,करणी सेना के संस्थापक सदस्यों मे कार्यरत रहकर,देश के जाने माने राजनैतिक विशेषज्ञ वरिष्ठ पत्रकार है .उनको अनुशासन पसंद है चापलूस चाटुकार षड्यंत्र कारी छलनीति काम न करने वाले
लोगों को वह कतई पसंद नही करते .चाहे जो कीमत उनको चुकानी पडी हो फिलहाल उनके मिशन मे सर्वश्रेष्ठ सर्वोपरि वह अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा को ही श्रेष्ठ मानते .
अभियान मिशन क्षत्रिय
उनकी .चिंता है कि देश में 28 करोड़ से अधिक आबादी का उनका क्षत्रिय समाज है इतिहास लौटा नामक पुस्तक का हमेशा जिक्र करते उन्होंने स्वयं 20 साल चेतक धर्म पत्रिका का प्रकाशन किया कई पत्र पत्रिका मे उनके लेख आज भी प्रकाशित होते है राजनैतिक अवसर कई बार उनको मिला पर वह मानते कि राजनीतिक दल या अन्य वर्गों का सामाजिक संगठन क्षत्रियों को
सम्मानित करने के लिए सम्मेलन आयोजित नहीं करता ? कभी सोचा आपने कि कोई राजनीतिक दल आपसे कभी वोट ही नहीं मांगता ? लोकसभा विधानसभा सभा कैबिनेट राजनैतिक संगठनों मे क्षत्रियों की दिन प्रतिदिन संख्या घट रही क्यो .? टिकट वितरण मे ? राजनैतिक दलो के नेता व पार्टी अब समाज पर विश्वास नही करते पर इसका जिम्मेदार कौन ???
:क्षत्रियों के जितने भी ग्रुप बने हुए हैं जितने भी संगठन है.जितनी भी राजपूताना सेना ग्रुप है : प्रातः कालीन उठकर कोई राजपूताना समाज की पोस्ट नहीं डालता: न लाईक कमेंट करता सब गुड मॉर्निंग या अपने फोटो माला.मंच. अपना अपना ही गुणो का बखान करते संगठन समाज का नही .क्यो .???
आज राघवेन्द्र सिह राजू ने
समाचार भारतीय राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के मुख्य संपादक मनीष गुप्ता को बताया,कि क्षत्रियों मे अहंकार बढा .क्योकि
हम ही अपने को सबसे सर्वश्रेष्ठ मानते पदोन्नति सब चाहते काम पदाधिकारियों को जो मिला दायित्व पूरा नही कर पाते
राजू ने कहा कि वह जातियों व उपजातियाँ मे बिभाजित समाज व राजनैतिक पार्टियों को एक मंच पर लाए थे अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संरक्षण मे ही वर्ष 2009 व 2010 एवम .2011 व सन् 2012 अलग अलग राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा व संयुक्त गठबंधन मे लाने मे सफल रहे .जिसमें जो सहयोग दल रहे जुड़े थे उनका नाम सब जानते
नेलोपा .राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक
मोहम्मद अरशद खान
समानता पार्टी .के ताकतवत नेता
.मोतीलाल कुशवाहा व गोपाल कुशवाहा .वंचित जमात पार्टी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
चतर सिंह कश्यप .
स्वर्गीय भारत सिंह
बघेल राष्ट्रीयअध्यक्ष लेबरपार्टी .
जय भारत समानता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मा हेमंत कुशवाह जी
.आगामी समता पार्टी
स्वर्गीय राम समुझ पासी जी
जन सत्ता पार्टी
डॉ कर्ण सिंह सैनी व जनवादी पार्टी
डॉ संजय चौहान .राष्ट्रीय लेबर पार्टी रणवीर सिंह पाल .राष्ट्रीय आर्थिक स्वतंत्रता दल सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा .गोपाल निषाद.निषाद पार्टी
डा आनंद निषाद डा संजय निषाद जी
पीस पार्टी डॉ अयूब .सहित सुहेलदेव अोम प्रकाश राजभर भाई व
अपना दल श्रीमती कृष्णा व बहिन अनुप्रिया पटेल
बुन्देलखण्ड कांग्रेस .राजा बुन्देला जी सहित तमाम दलो को एकता की सूत्र की माला पिरोया
भी पूर्व सांसद मा कुंवर हरिवंश सिह को संरक्षक सबने बनाया हमने स्टार प्रचारक बन रैलियों मे सहभागिता किया देश समाज सभी मीडिया जानती रही मैंने कोई पद य टिकट नही लिया
पर समाज को उचित सम्मान बढे इन दलो के सम्मेलनो को सफल बनाया रैलियों मे शंखनाद किया इन सभी दलो से बेटी का. सम्बन्ध नही हो सकता था पर सभी रोटी का संम्बध कायम किया नई नजीर पेश किया था आज यह अधिकांश पार्टी व लोगों को सत्ता मे स्थान सम्मान मिला पर है पर हमारा अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जहाँ था आज वही खडा है.उन्होंने अपने लिए कभी टिकट स्वयं के लिए कुछ नही मांगा है दलो के स्टार प्रचारक जरूर बने पर हमारा एजेंडा क्षत्रियों का सम्मान था .लेकिन 37 वर्ष बाद भी कोशिश जारी है बहुत सम्मान मिला देश पर मे नही अपितु विदेशो .मे पहिचान भी मिली .पर मेरा सभी राजपूताना संगठन से आग्रह मिशन सफल हो .मेरा राजपूताना समाज के
सभी श्रेष्ठ जनों को प्रणाम पर यदि अभी भी हम सावधान नहीं .है तो चिंतित होना जरूरी है आज .
संगठन में संगठित नहीं हुए आने वाली चुनौतियों का हमारी पीढी कब कैसे सामना करेगी ?/यह चिंता और चिंतन का विषय है .
समाचार भारती के लिए मनीष गुप्ता